वायु प्रदूषण के नाम पर वाहनों पर प्रतिबंध लगाने के फैसले को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार के खिलाफ चालकों और वाहन मालिकों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। यही नहीं, अब इस फैसले के खिलाफ विरोध दर्ज कराने की भी तैयारी तेज हो गई है। दिल्ली टैक्सी एंड टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन (डीटीटीटीए) ने वायु प्रदूषण के नाम पर वाहनों के परिचालन पर प्रतिबंध के विरोध में दिल्ली व पंजाब में सड़क जाम की धमकी दी है।

प्रतिबंध के खिलाफ मुख्यमंत्री आवास का किया था घेराव

पहले भी ट्रांसपोर्टरों ने इसके पहले अक्टूबर माह में इस तरह के प्रतिबंध के खिलाफ मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया था। तब दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव को देखते हुए सरकार ने प्रतिबंध से फैसला वापस ले लिया था। डीटीटीटीए के अध्यक्ष संजय सम्राट ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण के नाम पर हजारों गरीब टैक्सी व टेंपो ट्रेवलर के मालिकों के सामने आर्थिक संकट गहरा गया है।

दिल्ली सरकार ने इन वाहनों पर लगाया बैन

दिल्ली सरकार ने डीजल यूरो- 4 गाड़ियों और पेट्रोल की यूरो- 3 गाड़ियों को चलने पर रोक लगा दी है। यह फैसला अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए है। पहले केजरीवाल सरकार द्वारा पंजाब पर प्रदूषण का ठीकरा फोड़ा जाता था। अब वहां भी आप की सरकार है। इसलिए अब निर्माण मजदूरों के साथ ही वाहन चलाकर रोजीरोटी कमाने वालों को निशाना बनाया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि सोमवार को दिल्ली सरकार के इस निर्णय के खिलाफ ट्रांसपोर्टरों की बैठक हुई, जिसमें यह निर्णय लिया गया है कि दिल्ली व पंजाब में आप के खिलाफ रोड जाम किया जाएगा। सम्राट ने कहा कि इसके पहले भी इस सरकार के फैसले के कारण हजारों चालक व वाहन मालिकों के सामने रोजीरोटी का संकट गहरा गया था।

 

एमसीडी चुनाव के अगले दिन प्रतिबंध फिर से लागू

दीपावली के कुछ दिन बाद ही लगे प्रतिबंध के कारण उनके वाहन सड़कों पर नहीं उतर सके थे। इसके विरोध में सैकड़ों चालकों ने विरोध प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री आवास का घेराव भी किया था। अब एमसीडी चुनाव के संपन्न होने के अगले दिन ही यह प्रतिबंध फिर से लागू कर दिया गया है। इससे टूरिस्ट टैक्सी, बस और टेंपो ट्रेवलर के मालिकों में भारी असंतोष है, क्योंकि दिल्ली में ज्यादातर गाड़ियां बाहर से आती हैं।

वाहन चालक अभिषेक का कहना है कि हम प्रदूषण के लिए जिम्मेदार नहीं हैं, लेकिन आसान निशाना उन लोगों को बनाया जाता है। जबकि वाहन तो उनकी रोजी रोटी से जुड़ा है। यह फैसला सरासर गलत है। अशोक शर्मा, वाहन चालक यह पूरी तरह से साजिश लगती है। प्रदूषण केवल वाहनों का मामला नहीं है। इसके लिए कई अन्य मामले जिम्मेदार हैं। हम सुनते समझते आए हैं कि प्रदूषण का बड़ा कारण पंजाब में जलाई जा रही है पराली है। उस पर रोक क्यों नहीं लग रही है।

पर्यटन और शादियों पर पड़ेगा प्रभाव

पहाड़गंज के एक होटल संचालक विजय तिवारी के मुताबिक इन प्रतिबंधों की वजह से दिल्ली का पर्यटन उद्योग प्रभावित होगा। क्योंकि बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों से पर्यटक वाहन आते हैं। इस प्रतिबंध के चलते वे दिल्ली में आने से बचेंगे और दूसरे राज्यों में जाने की योजना बनाएंगे।

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