मीठापुर में आगरा कैनाल पर बने 100 साल पुराने व क्षतिग्रस्त हो चुके पुल को भारी वाहनों के लिए बंद कर दिया गया है। इस पुल से भारी वाहन न गुजरें, इसके लिए इस पर हाइट बैरियर लगा दिए गए हैं। इस कारण अब भारी वाहन इसके बगल वाले पुल से होकर गुजर रहे हैं, लेकिन उल्टी दिशा में भारी वाहन गुजरने के कारण दूसरे पुल पर जाम लग जाता है। इससे पूरा मार्ग जाम हो जाता है।

 

पीक आवर में जब दोनों ओर से यातायात का भारी दबाव होता है तो यहां लोग घंटों जाम में फंसे रह जाते हैं। स्थानीय लोग लंबे समय से यहां पर नया पुल बनवाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन दो राज्यों का मामला होने के कारण अब तक काम शुरू नहीं हो पाया है। इस पुल से मीठापुर, मोलड़बंद, शक्ति विहार, ओम विहार, मीठापुर एक्सटेंशन समेत 50 कालोनियों के लोग आते-जाते हैं। लाखों की आबादी वाले इस इलाके का यातायात भार यह जर्जर पुल सहन कर रहा है। उत्तर प्रदेश सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने बताया कि यह पुल बनाएगा यूपी सिंचाई विभाग, लेकिन इसके लिए धन दिल्ली सरकार को देना है।

 

दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) को परियोजना की डिटेल भेजी गई है। दो लेन के इस पुल के निर्माण के लिए छह करोड़ रुपये की जरूरत होगी। जैसे ही धन का आवंटन हो जाएगा, पुल बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। दरअसल, इस जर्जर पुल में जगह-जगह मोटी दरारें आ गई हैं। इसके बावजूद इस पुल से लाखों लोग आते-जाते हैं, लेकिन एक पुल बंद हो जाने से अब एक ही पुल आने-जाने के लिए बचा है। इस कारण यहां जाम लग रहा है।

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