Indian Railway HHT: हैंड हेल्ड टर्मिनल (एचएचटी) के माध्यम से रोजाना करीब सात हजार ऐसे यात्रियों को कंफर्म सीट उपलब्ध हो रही है जिनकी आरक्षण चार्ट बनने उपरांत तक सीट कंफर्म नहीं थी ।

 

बिना पैसे के मिल रहा हैं कन्फ़र्म सीट

इस तकनीक से जहां रेल यात्री लाभान्वित हो रहे हैं, वहीं टीटीई की मनमर्जी से अनधिकृत सीट आवंटन पर भी अंकुश लगा है। एक अधिकारी ने कहा कि आरएसी या प्रतीक्षा सूची टिकट वाले यात्री उस वक्त वास्तविक स्थिति के आधार पर खाली बर्थ की उपलब्धता के बारे में एचएचटी रखने वाले टीटीई से जांच कर सकते हैं। RAC और वेटिंग वाले टिकट यात्री अब बिना पैसे के कन्फ़र्म सीट ले पा रहे हैं.

 

सीट ख़ाली होते ही मिल जा रहा हैं कन्फ़र्म बर्थ

पीटीआइ द्वारा प्राप्त आंकड़ों के अनुसार चार महीने पहले शुरू की गई परियोजना के तहत अभी 1,390 ट्रेनों के टीटीई एचएचटी इस्तेमाल कर रहे हैं। औसतन 5,448 आरएसी यात्रियों और 2,759 प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों को एचएचटी के माध्यम से प्रतिदिन कंफर्म बर्थ आवंटित की गई हैं। आरएसी या प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों को बर्थ आवंटन के अलावा लगभग 7,000 अप्रयुक्त खाली बर्थ भी एचएचटी के माध्यम से प्रतिदिन अलाट की जा रही हैं। ये एचएचटी लंबी दूरी की सभी ट्रेनों में उपलब्ध करा दिए जाएंगे। एचएचटी का उपयोग डिजिटल भुगतान विकल्पों के माध्यम से यात्रियों से अतिरिक्त किराया, जुर्माना और अन्य शुल्क वसूलने में हो रहा है।

 

क्या है HHT

एचएचटी आईपैड के आकार का होता है। इसमें यात्रियों का रिजर्वेशन चार्ट उपलब्ध रहता है। इसे टीटीई को दिया गया है। यह डिवाइस जीपीआरएस के जरिए यात्री आरक्षण प्रणाली के केंद्रीय सर्वर से जुड़ी होती है। इसलिए जहां भी स्टेशन पर ट्रेन ठहरती है, वहां टिकटों की बुकिंग का विवरण अपडेट हो जाता है। यदि आरक्षित टिकट वाला कोई यात्री अंतिम समय पर अपनी यात्रा को रद कर देता है तो खाली बर्थ एचएचटी पर प्रदर्शित होती है। खाली बर्थ होने की सूरत में प्रतीक्षारत यात्रियों को टिकट कन्फर्मेशन की सूचना चलती ट्रेन में एसएमएस से मोबाइल पर मिल जाती है। इस डिवाइस से वेटिंग और आरएसी के यात्रियों को खासा लाभ मिल रहा है।

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