नई आबकारी नीति को लेकर दिल्ली सरकार और नगर निगमों में चल रही रार अब और बड़ा रूप ले सकती है। निगम अब उन शराब की दुकानों को सील करने की तैयारी कर रहा है, जो अवैध निर्माण के लिए चिह्नित संपत्तियों पर स्थित हैं। निगम ने इन पर कार्रवाई करना शुरू किया तो राजधानी की 90 प्रतिशत शराब की दुकानें सील हो सकती हैं, जिन्हें नई आबकारी नीति के तहत खोला गया है। अधिकारियों का कहना है कि निगम की सत्ताधारी पार्टी भाजपा अगर ऐसी दुकानों को सील करने पर नीतिगत फैसला लेती है तो नई दुकानों के साथ पुरानी दुकानें भी सीलिंग के दायरे में आ जाएंगी।

 

दरअसल, शुक्रवार को हुई दक्षिणी निगम की स्थायी समिति की बैठक में रिहायशी क्षेत्रों में खुली शराब की दुकानों पर कार्रवाई की मांग भाजपा पार्षदों ने की थी। नेता सदन इंद्रजीत सहरावत ने देवली गांव में खोली गई शराब की दुकान को बंद करने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि वह संपत्ति अवैध निर्माण के लिए चिह्नित हैं, फिर भी वहां पर शराब की दुकान खुल गईं। ऐसे में इसे सील किया जाना चाहिए।

इस पर निगमायुक्त ज्ञानेश भारती ने समिति को बताया कि अगर समिति इस पर फैसला लेती है तो शराब की 90 प्रतिशत नई और पुरानी दुकानें सील हो जाएंगी। इस पर स्थायी समिति के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट कर्नल (रि.) बीके ओबराय ने कहा कि वह जल्द ही इस पर महापौर व वरिष्ठ नेताओं से बात करके फैसला लेंगे। दिल्ली के तीनों निगम नई आबकारी नीति का विरोध कर रहे हैं। साथ ही ऐसी शराब की दुकानों को सील किया जा रहा है, जो रिहायशी क्षेत्र में हैं। दिल्ली में 28 जनवरी तक 552 नई दुकानें खोली गई हैं।

शराब के ठेकों एवं अहातों पर नगर निगम की बड़ी कार्रवाई, किया सील - municipal  corporation takes major action against liquor sealed

अवैध संपत्तियों में खुली दुकानों को सील कर सकते हैं नगर निगम

  • 33 शराब की दुकानें दिल्ली के नगर निगमों ने की हैं सील
  • 08 शराब की दुकानें दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने की हैं सील
  • 20 शराब की दुकानें उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने की हैं सील
  • 05 शराब की दुकानें पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने की हैं सील

कुछ तो अभी भी कर रहा हूँ आप लोगो के लिये ख़ैर आप email पर लिख भेजिए मुझे [email protected] पर

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