नेहरू प्लेस डिस्ट्रिक्ट सेंटर को नेहरू प्लेस मेट्रो स्टेशन (वायलेट लाइन) से जोड़ने के लिए बनाए जा रहे स्काइवाक का काम अधर में लटक गया है। बार-बार आ रही अड़चनों के कारण पहले ही काफी लेट हो चुके इस प्रोजेक्ट का काम अब डिजाइन में बदलाव होने के कारण करीब छह माह और आगे बढ़ गया है।

 

इसे जून में पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन अब इसका काम दिसंबर तक पूरा हो पाएगा। नेहरू प्लेस के सुंदरीकरण परियोजना के तहत यह स्काइवाक डीडीए द्वारा बनवाया जा रहा है। प्रोजेक्ट से जुड़े डीडीए के एक अधिकारी ने बताया कि कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामलों के कारण यदि लाकडाउन लग गया तो काम में और अधिक देरी हो सकती है।

पिलर की राह में आई बीएसईएस की केबल

डीडीए के अधिकारी ने बताया कि स्काइवाक का काम शुरू होने के कुछ ही दिन बाद कोरोना लाकडाउन लग गया जिस कारण काम बंद करना पड़ा। लाकडाउन खुलने के बाद काफी दिनों तक श्रमिकों की कमी रही जिस कारण काम नहीं हो सका। श्रमिक वापस आने लगे तो प्रदूषण के कारण राजधानी में निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई। रोक हटने के बाद काम शुरू हुआ।

 

सत्यम सिनेमा के सामने सड़क के बीच में पिलर्स के लिए खोदाई शुरू की गई तो डेढ़ मीटर की गहराई पर बीएसईएस की केबल आ गई। इस कारण काम रोकना पड़ा। पिलर ढाई मीटर गहराई से बनाए जाने हैं इसलिए केबल को शिफ्ट किए बिना काम नहीं हो सकता था क्योंकि यहां 11 किलोवाट की 10 केबल लाइनें थीं। बीएसईएस ने केबल शिफ्ट करने में ढाइ माह लगा दिए। अधिकारी ने बताया कि इस तरह की केबल सड़क के किनारे होती हैं लेकिन यहां पर बीच सड़क में केबल पड़ी हुई थी।

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इसलिए बदलना पड़ा डिजाइन

डीडीए के अधिकारी ने बताया कि केबल शिफ्ट होने के बाद पिलर बनाने का काम शुरू हुआ लेकिन डीएमआरसी ने यह कहते हुए काम रुकवा दिया कि उनकी जमीन पर उनके हिसाब से ही काम किया जाएगा। दरअसल, नेहरू प्लेस मेट्रो स्टेशन की पार्किंग में तीन पिलर आ रहे थे। वहीं, एक पिलर मेट्रो स्टेशन के फूड कोर्ट एपिक्यूरिया में आ रहा था।मेट्रो ने अपनी पार्किंग में सिर्फ दो पिलर की अनुमति दी जिससे पिलर के बीच की दूरी बढ़ गई।

 

इस कारण पूरे स्काइवाक की डिजाइन बदलना पड़ रहा है। अब इसे री-डिजाइन के लिए सेक्शन में भेजा गया है। नया डिजाइन डीएमआरसी और आइआइटी दिल्ली से अप्रूव करवाने के बाद ही इस हिस्से पर काम शुरू हो पाएगा। इस मामले को सुलझाने में दो माह निकल गए।अभी और थोड़ा समय लग सकता है। हालांकि नेहरू प्लेस के हिस्से में अभी काम चल रहा है। नया डिजाइन अप्रूव होते ही मेट्राे वाले हिस्से में भी काम शुरू कर दिया जाएगा।

इसलिए बनाया जा रहा है स्काइवाक

अभी नेहरू प्लेस डिस्ट्रिक्ट सेंटर से नेहरू प्लेस मेट्रो स्टेशन आने-जाने के लिए लोगों को सड़क का डिवाइडर फांदना पड़ता है। इसकी वजह से यहां जाम लगता है। मार्केट व मेट्रो स्टेशन को जोड़ने के लिए स्काइवाक बनाया जा रहा है। इसके जरिये लोग सड़क पार कर सीधे मेट्रो स्टेशन आ-जा सकेंगे। इसके बन जाने के बाद सड़क के डिवाइडर को ऊंचा करके उसमें पौधे लगाए जाएंगे। निर्माण कार्य में देरी होने के कारण यहां यातायात व्यवस्था भी चरमराई हुई है। पीक आवर में और सप्ताहांत में वाहनों का दबाव इतना बढ़ जाता है कि पूरे इलाके में जाम लग जाता है। नेहरू प्लेस के दुकानदार भी इस समस्या से परेशान हैं।

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