देश के राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा करने वाले वाहनों से फास्टैग के जरिए टोल टैक्स वसूलने की व्यवस्था जल्द ही खत्म की जा सकती है। दरअसल, संसद की स्थायी समिति ने टोल टैक्स वसूलने के लिए देश के लाखों वाहनों में लगाए गए फास्टैग को हटाने की सिफारिश करते हुए राजमार्गों पर टोल टैक्स वसूलने की प्रणाली को इस तरह से डिजाइन करने की सिफारिश की है ताकि जीपीएस के जरिए सीधे बैंक खातों से ही यह राशि ली जा सके।

 

परिवहन, पर्यटन और संस्कृति संबंधी संसदीय स्थायी समिति का यह मानना है कि जीपीएस के जरिए सीधे बैंक खातों से टोल टैक्स वसूलने की इस व्यवस्था से उन लोगों को बहुत फायदा होगा जो फास्टैग ऑनलाइन रिचार्ज कराने की तकनीक से अच्छी तरह वाकिफ नहीं है। समिति का यह भी मानना है कि इस सिस्टम को देश भर में लागू करने से टोल बूथों पर लोगों को होने वाली देरी को समाप्त करने में मदद मिलेगी, ईंधन खर्च में भी बचत होगी और इसके साथ ही राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा में लगने वाले समय को भी कम किया जा सकेगा।

 

‘राष्ट्र निर्माण में राजमार्गों की भूमिका’ पर संसद में रिपोर्ट पेश करते हुए देश में जीपीएस आधारित टोलिंग शुरू करने के संबंध में मंत्रालय द्वारा की जा रही पहल की सराहना करते हुए संसदीय समिति ने कहा कि इससे राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल प्लाजा बनाने के लिए बुनियादी ढांचा नहीं बनाना पड़ेगा।

 

 

सरकार ने संसदीय समिति के सुझाव पर अमल करने का आश्वासन देते हुए यह जानकारी दी है कि एनएचएआई परामर्शदाता की पहचान करने की प्रक्रिया में है जो सैटेलाइट आधारित टोलिंग के कार्यान्वयन के लिए रोडमैप तैयार करेगा ताकि संसदीय समिति की सिफारिश के अनुसार राष्ट्रीय राजमार्गों का उपयोग करने वाले लोगों को लाभ पहुंचाया जा सके।

 

दरअसल, टोल प्लाजा पर गाड़ियों की लंबी कतार को कम करने के लिए फास्टैग व्यवस्था की शुरूआत की गई थी जिससे गाड़ियां का टोल टैक्स फास्टैग के जरिए ही कट जाया करता है और गाड़ियों को टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं पड़ती है लेकिन अब इसमें आ रही कई तरह की दिक्कतों को देखते हुए ही संसदीय समिति ने जीपीएस आधारित टोल व्यवस्था की शुरूआत करने की सिफारिश की है।

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