बच्चों की सुरक्षा के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रलय ने अहम पहल की है। मंत्रलय ने प्रस्ताव किया है कि अगर किसी बाइक यानी मोटरसाइकिल पर पीछे चार साल से कम उम्र का बच्चा बैठा हो तो उसकी स्पीड 40 किमी प्रति घंटे से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

 

मंत्रलय ने इसको लेकर एक मसौदा नियम जारी किया है। इसके मुताबिक बाइक चलाने वालों को यह सुनिश्चित करना होगा कि नौ माह से चार साल की उम्र तक का बच्चा अगर पीछे बैठा है तो वह क्रैश हेलमेट पहना हो। चार साल से कम उम्र के बच्चे को बाइक के चालक से जोड़ने के लिए सेफ्टी हार्नेस का इस्तेमाल करना होगा।

 

मसौदा नियम के मुताबिक सेफ्टी हार्नेस समेत सुरक्षा संबंधी सभी उपकरण हल्के और टिकाऊ होने चाहिएं। सेफ्टी हार्नेस को इस तरह से डिजाइन किया जाएगा कि वो 30 किलो तक का भार वहन कर सके। मंत्रलय ने मसौदा नियमों पर सभी हितधारकों से आपत्तियां भी आमंत्रित की है।

सड़क यातायात को बेहतर और सुरक्षित बनाने के लिए काम करने वाली इंटरनेशनल रोड फेडरेशन (आइआरएफ) ने मंत्रलय के बच्चों के साथ 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के प्रस्ताव का स्वागत किया है।

 

क्या है क्रैश हेलमेट और सेफ्टी हार्नेस?: क्रैश हेलमेट सामान्य हेलमेट की तरह है। बच्चों के लिए इसका डिजाइन अलग होता है ताकि उनका चेहरा खुला रहे। बड़े लोगों के हेलमेट में मुंह ढका रहता है, बच्चों के लिए हेलमेट में ऐसा नहीं होगा।

 

सेफ्टी हार्नेस बच्चों को पहनाई जाने वाली जैकेट होती है, जिसके साइज को एडजस्ट किया जा सकता है। ये बच्चे को चालक से बांधे रखती है। सुरक्षा जैकेट से जुड़े फीते बच्चे को वाहन चालक के कंधों से जोड़े रखने का काम करते हैं।

 

 

बच्चों को दोपहिया वाहनों पर बिठाने पर पहनाना होगा हेलमेट, मंत्रलय ने प्रस्तावित नियमों पर आपत्ति और सुझाव भी मांगे

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