भारत में अब तक व्यापक रूप से कोविड रोगियों के इलाज के लिए सबसे प्रभावी चिकित्सा के रूप में प्लाज्मा थेरेपी इस्तेमाल की जा रही है, सरकार ने COVID19 पर देश के क्लिनिकल प्रबंधन दिशानिर्देशों से प्लाज्मा थेरेपी को हटा दिया है। केंद्र सरकार ने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए क्लिनिकल गुइडेन्स में बदलाव किया है। सरकार ने सोमवार को मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी के इस्‍तेमाल को नैदानिक प्रबंधन दिशा-निर्देश से हटा दिया है ।

क्या है वजह ?

समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने पाया कि कोरोना मरीजों के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी गंभीर बीमारी को दूर करने और मौत के मामलों में कमी लाने में मददगार साबित नहीं हुई है। प्लाज्मा थेरेपी का तर्कहीन इस्‍तेमाल ज्‍यादा खतरनाक विषाणुओं की स्‍ट्रेन के विकसित होने की संभावना को बढ़ाता है। इससे महामारी को बढ़ावा मिल सकता है। इससे पहले भी चिकित्सा विशेषज्ञों ने कहा था कि कोरोना रोगियों के इलाज में प्‍लाज्‍मा थेरेपी को रोका जाए क्‍योंकि मौजूदा शोध में कोरोना मरीजों के उपचार में इससे कोई उम्मीद नजर में नहीं आया है।

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