देश की राजधानी दिल्ली में डीजल व पेट्रोल की कार खरीदना जल्द महंगा हो जाएगा। परिवहन विभाग जल्द ही अतिरिक्त रोड टैक्स की घोषणा करेगा, जिसमें पेट्रोल-डीजल चालित एसयूवी व लग्जरी कारों पर अधिक रोड टैक्स लगेगा। जितनी भी अतिरिक्त रोड टैक्स की वसूली होगी, वह राशि इलेक्ट्रिक वाहन फंड में जमा की जाएगी। आठ से दस दिन में नई नीति के तहत यह व्यवस्था लागू होने की संभावना है। नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति के अनुसार, इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर सब्सिडी मिलेगी, वहीं डीजल व पेट्रोल वाहनों को खरीदना महंगा हो जाएगा।

कैब सेवा महंगी

डीजल-पेट्रोल से चलने वाली सभी कैब सेवा, जिनमें दोपहिया भी शामिल है, पर कंजेशन टैक्स लगेगा। यह शुल्क भी इलेक्ट्रिक फंड में जमा किया जाएगा। इसके अनुसार, डीजल व पेट्रोल की कैब की सवारी महंगी हो जाएगी, क्योंकि कंजेशन शुल्क का भार सवारी को ही वहन करना होगा। हालांकि ई-कैब पर कंजेशन टैक्स नहीं लगेगा। जाहिर है कि कंजेकशन टैक्स लगने के बाद दिल्ली में कैब सेवा महंगी हो जाएगी।

दिल्ली सरकार के अधिकारियों के अनुसार, इलेक्ट्रिक वाहन नीति लागू होने पर ई-ऑटो व ई-कैब के लिए भारी संख्या में ड्राइवर व सर्विस मैकेनिक की नौकरी मिल सकेगी। सभी इलेक्ट्रिक वाहनों की नंबर प्लेट हरे रंग की होगी। ई-ऑटो खरीदने पर 30 हजार तक सब्सिडी दी जाएगी, वहीं ई-ऑटो के लिए परमिट की व्यवस्था में भी बदलाव किया जाएगा। अब ओपन परमिट की व्यवस्था होगी।

बता दें कि दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार के मुखिया सीएम अरविंद केजरीवाल ने पिछले सप्ताह शुक्रवार को ही दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी का एलान किया है। इसमें इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की छूट देने का एलान किया गया है। इससे दिल्ली में बढ़़ते प्रदूषण में कमी लाना भी एक बड़ा मकसद है

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