उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) के 50 वर्गमीटर यानी 60 वर्ग गज तक की सभी रिहायशी संपत्तियों का संपत्ति कर माफ हो जाएगा। सदन की बैठक में नेता सदन छैल बिहारी गोस्वामी ने प्राइवेट प्रस्ताव को सदन के पटल पर रखा, जिसे विपक्षी आम आदमी पार्टी (आप) व कांग्रेस के हंगामे के बीच पारित कर दिया गया। निगमायुक्त की स्वीकृति के बाद संपत्तिकर विभाग से सार्वजनिक सूचना जारी होते ही यह लागू हो जाएगा। चूंकि प्रस्ताव को सत्तारूढ़ भाजपा के पार्षद ने रखा है, इसलिए इसे निगमायुक्त से भी मंजूरी मिलने की पूरी संभावना है।

 

छैल बिहारी गोस्वामी ने बताया कि राजधानी में बहुत बड़ी संख्या में आबादी 25-50 गज तक के मकानों में रहती है। इनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। इसे देखते हुए निगम ने यह फैसला लिया है। इसके अतिरिक्त, लाल डोरा या विस्तारित लाल डोरा वाली ग्रामीण संपत्तियों के साथ ही अनधिकृत कालोनियों में 50 वर्गमीटर तक की रिहायशी संपत्तियों पर कर माफी के अतिरिक्त, इससे बड़ी रिहायशी संपत्तियों पर भी वर्तमान वर्ष का संपत्तिकर जमा करने पर वर्ष 2004 से 2020 तक का बकाया भी माफ करने का फैसला लिया गया है। अनधिकृत कालोनियों में गैर रिहायशी संपत्तियों का वित्तीय वर्ष 2020-21 व 2021-22 का संपत्तिकर जमा करने पर वर्ष 2004 से 2019 तक का उनका बकाया कर माफ कर दिया जाएगा।

अधिकृत व अनधिकृत कालोनियों के तीन लाख लोगों को होगा फायदा

50 वर्गमीटर तक की संपत्तियों पर संपत्तिकर माफ कर देने से अधिकृत व अनधिकृत तीन लाख से अधिक संपत्तियों के मालिकों को लाभ होगा। इनका अब एक झटके में बकाया संपत्तिकर माफ होने जा रहा है। वहीं, निगम का मानना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी करीब डेढ़ लाख संपत्तियां इस दायरे में आएगी।

एमवीसी की सिफारिशों पर हुई बढ़ोतरी को लिया वापस

निगम ने संपत्तिकर से अतिरिक्त तृतीय निगम मूल्यांकन समिति (एमवीसी) की सिफारिशों पर बीते वर्ष ट्रेड लाइसेंस फीस में की गई बढ़ोतरी को वापस ले लिया है। इतना ही नहीं, शैक्षणिक संस्थानों और किराये की संपत्ति पर दो से तीन गुणा अधिक संपत्तिकर देना था, उसे भी वापस ले लिया गया है। हालांकि, सिनेमाघर, गेस्ट हाउस व बारात घरों के संपत्तिकर में हुई बढ़ोतरी पहले की तरह जारी रहेगी। इन संपत्तियों को पहले के मुकाबले तीन गुणा तक अधिक संपत्तिकर देना होगा।

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