दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को उत्तरी दिल्ली नगर निगम को आदेश दिया कि वह अपने 80,000 से अधिक कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का पारिश्रमिक चुकाने का भुगतान करे। उन्होंने 400 करोड़ से अधिक राशि को मंजूरी देने के लिए नागरिक निकाय को अधिक समय देने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति विपिन सांघी और रेखा पल्ली ने सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार द्वारा नागरिक एजेंसियों को धन जारी न करने के लिए भी आलोचना की।

अदालत उत्तरी निगम द्वारा एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने अपने कर्मचारियों और पेंशनरों को भुगतान जारी करने के लिए और समय मांगा था। इसने अदालत के 9 मार्च के आदेश को संशोधित करने के लिए कहा, जिसके द्वारा तीनों एमसीडी को 5 अप्रैल तक वेतन, एरियर और पेंशन बकाया को चुकाने का आदेश दिया गया था। नागरिक निकाय के आवेदन के अनुसार, इसमें लगभग 57,202 कर्मचारी और लगभग 24,853 पेंशनभोगी हैं।

कोर्ट ने दिल्ली सरकार की भी खिंचाई करते हुए कहा की “आप अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट सकते। राजनेताओं की तस्वीरों के साथ पूरे पेज के विज्ञापन रोज होते हैं … पैसा कहां से आ रहा है? हम इसे नजरअंदाज नहीं कर सकते।

 

 

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