दिल्ली यूनिवर्सिटी में नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत चार वर्षीय अंडरग्रैजुएट प्रोग्राम की वापसी हो गई है । बता दें कि बीते सोमवार को हुई कमेटी की मीटिंग में चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम का अजेंडा पास हुआ था। इसके बाद ये फैसला 12 घंटे मंगलवार को हुई मैराथन मीटिंग में हुआ । गौरतलब है कि साल 2013 में भी दिल्ली यूनिवर्सिटी में ये प्रस्ताव लाया गया था, जिसे 2014 में वापस कर दिया गया था।

 

 

कई शिक्षक और मेमेंबर्स नहीं खुश इस प्रोग्राम से ।

 

 

बता दें की मंगलवार को होने वाली इस मैराथन मीटिंग में कुल 26 मेंबर्स थे , जिनमे से 16 मेंबर्स इससे खुश नहीं। इन सभी मेंबर्स का कहना है की मीटिंग खत्म होने के 15 20 मिनट पहले ये मुद्दा उठाया गया और इस पर अच्छे से चर्चा नही हुई । खबरों की माने तो कई शिक्षकों और एसी सदस्यों ने इस फैसले पर चिंता जताई है

 

 

क्या होंगे इस एनईपी ( NEP ) प्रोग्राम के बाद वाले बदलाव ?

 

अगले साल से डीयू चार साल के अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम (एफवाईयूपी) में शिफ्ट हो जाएगा और एमफिल कोर्स को खत्म कर दिया जाएगा। एनईपी के अनुसार, एक बहु प्रवेश/निकास योजना (एमईईएस) होगी, जिसके तहत छात्र विभिन्न चरणों में कार्यक्रम में प्रवेश कर सकेंगे और बाहर निकल सकेंगे। एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (एबीसी) को भी लागू किया जाएगा , जिसके माध्यम से छात्रों के पास अन्य विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में कोर्स करने से क्रेडिट अर्जित करने का विकल्प होगा , जिसे उनके अकादमिक ‘बैंक’ में जोड़ा जाएगा।

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