स्कूल न जाने पर भी क्यों दे पूरी फीस ?

महामारी के कारन देश में सभी स्कूल बंद है , पर पेरेंट्स को बच्चे के पूरे साल का फीस भुगतान करना पड़ता है, पर प्रश्न यह है की जब बच्चे स्कूल जा ही नहीं रहे है , स्कूल के कई रिसोर्स का इस्तेमाल नहीं हो रहा है तो बच्चे पूरे पैसे की बात का दे ? कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद स्कूलों को फिर बंद करना पड़ा। फीस का मामला देश की सर्वोच्च अदालत में पहुंच गया और अब इस पर सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश भी जारी कर दिए हैं।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला ….

“अपीलकर्ता (स्कूल) अपने छात्रों से शैक्षणिक सत्र 2019- 20 के लिए 2016 के कानून के तहत निर्धारित व्यवस्था के अनुरूप शुल्क वसूल करें, लेकिन शैक्षणिक सत्र 2020 -21 के लिए छात्रों द्वारा इस्तेमाल न की गईं सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए 15 प्रतिशत कम फीस वसूल करें “

छह किश्तों में 5 अगस्त 2021 तक फीस लेने का आदेश

जस्टिस एएम खानविल्कर और दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने शैक्षणिक संस्थानों को छह किश्तों में 5 अगस्त 2021 तक फीस लेने का आदेश दिया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि अगर कोई विद्यार्थी समय पर फीस जमा कर पाने में असमर्थ है, तो उन परिस्थितियों में कक्षा दसवीं और बारहवीं के छात्रों का परिणाम रोका नहीं जा सकता

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