दिल्ली सरकार पूरी दिल्ली में चार्जिंग स्टेशनों के नेटवर्क तैयार कर रही है ताकि लोग ज़्यादा से ज़्यादा ई-वाहन के तरफ आकर्षित हो। सबसे पहले पीडब्लयूडी, परिवाहन विभाग, डीएमआरसी, स्थानीय निकाय समेत सभी संबंधित एजेंसियों को दो हफ़्तों के भीतर चार्जिंग स्टेशन लगाने के जगह की पहचान करने को कहा गया है।

सभी जगहों की पहचान के बाद दिल्ली सरकार वहां स्टेशन बनाएगी। पार्किंग मॉल, ऑफिस कॉम्प्लेक्स, ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी, होटल, अस्पताल, शिक्षा संस्थान जैसी जगहों पर भी चार्जिंग स्टेशन बनेंगे और एक साल के भीतर 200 स्टेशन पूरी दिल्ली में बनाये जाएँगे।

 

गुरुवार के दिन डीडीसी अध्यक्ष जस्मीन शाह की अध्यक्षता में दिल्ली सरकार के चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप समूह की पहली बैठक हुई जिसमें उन्होंने कहा कि पार्टी का लक्ष्य दिल्ली को ई-वाहनों की राजधानी बनाना है। इसके लिए पूरा ढाँचा तैयार किया जाएगा जो पूरा वैश्विक मानकों का होगा। दिल्ली के लोगों को ई-वाहनों की तरफ शिफ्ट करना है ताकि प्रदूषण पे नियंत्रण पाया जा सके। तो सरकार का बड़े पैमाने पे ई-बाइक और ई-ऑटो लाने का प्लान है।

 

इस काम में सबसे बड़ी बाधा है रियायती दरों पे ज़मीन की उपलब्धता। बैठक में डिस्कॉम ने इस समस्या का हल निकालने के लिए पीडब्लयूडी, परिवाहन विभाग, डीएमआरसी, डीडीए, डीटीसी, डीएमआईआईडीसी, एमसीडी,एनडीएमसी, डीयूएमआईबी समेत सभी सरकारी एजेंसिया दो हफ़्तों में अपने अपने अधिकार क्षेत्र में रियायती दर वाले स्थानों की पहचान करने का आदेश दिया है। पहचान के बाद नोडल एजेंसी दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड 200 जगहों पर पार्किंग स्टेशन और बैटरी स्वैपिंग स्टेशन बनाने की योजना पे काम करेगी।

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