अमेरिका के बॉबसन कॉलेज से 3.83 करोड रुपये की स्कॉलरशिप हासिल करने वाली वाली सुदीक्षा भाटी की सोमवार को सड़क हादसे में मौत हो गई है। दादरी क्षेत्र के गांव डेरी स्कनर गांव की निवासी सुदीक्षा अपने चाचा के साथ सिकंदराबाद (बुलंदशहर) मामा से मिलने जा रही थी। रास्ते में इनकी स्कूटी को बुलेट सवार ने टक्कर मार दी।

सुदीक्षा भाटी के परिजनों ने बताया कि उसे 20 अगस्त को अमेरिका वापस लौटना था। कोरोना संक्रमण के चलते वह जून के पहले सप्ताह में अमेरिका से आई थी। वह सोमवार की सुबह अपने मामा से मिलने चाचा सतेंद्र भाटी के साथ सिकंदराबाद जा रही थी। नेशनल हाईवे पर औरंगाबाद गांव के पास बुलेट सवार युवक ने उनकी स्कूटी को टक्कर मार दी। सुदीक्षा और सतेंद्र सड़क पर जाकर गिरे। इस हादसे में सुदीक्षा की मौत हो गई है। सतेंद्र भाटी को गंभीर चोट आई हैं।

एचसीएल फाउंडेशन के विद्या ज्ञान स्कूल से सीबीएसई की टॉपर थी 
डेरी स्कनर गांव के रहने वाले जितेंद्र भाटी की बेटी सुदीक्षा भाटी ने एचसीएल फाउंडेशन के स्कूल विद्या ज्ञान से पढ़ाई की थी। वर्ष 2018 की सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में सुदीक्षा ने 98 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे। उसने अंग्रेजी विषय में 95, इतिहास में 100, राजनीति विज्ञान में 96, भूगोल में 99 और अर्थशास्त्र में 100 अंक हासिल किए थे। अच्छे अंक आने के बाद सुदीक्षा को अमेरिका से 3.83 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप मिली थी। उसने अगस्त 2018 में बॉबसन कॉलेज ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप में दाखिला लिया था।

आर्थिक तंगी के बावजूद लंबी दूरी तय की
सुदीक्षा भाटी ने कक्षा 5 तक की पढ़ाई डेरी स्टनर गांव में प्राइमरी स्कूल से की थी। कक्षा 6 में सुदीक्षा का चयन साल 2011 में विद्या ज्ञान लीडरशिप एकेडमी स्कूल में हुआ। वहीं से उनकी जिंदगी में बदलाव आया था। अब सुदीक्षा बॉबसन कॉलेज से आंत्रेप्रेन्यॉरशिप में ग्रेजुएशन कर रही थीं। सुदीक्षा भाटी बचपन से ही पढ़ने में काफी तेज थीं। स्कॉलरशिप मिलने पर सुदीक्षा ने कहा था कि उसका सपना सच हो गया है।

पिता-जितेंद्र भाटी चाय विक्रेता 
सुदीक्षा की कामयाबी इसलिए और ज्यादा बड़ी थी क्योंकि वह एक गरीब परिवार से आई थीं। उनके पिता चाय बेचने का काम करते हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी आर्थिक तंगी को सुदीक्षा की पढ़ाई के आड़े नहीं आने दिया था।

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