गृह मंत्री ने बुलाई आपात बैठक

दिल्ली में कोरोना और प्रदूषण दोनों लगातार बढ़ रहें हैं। ऐसे में दिवाली पर बैन के बावजूद भी लोगों ने जम कर पटाखे जलाएँ। जिससे स्तिथि और बिगड़ गयी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज दोपहर दिल्ली में बढ़ते कोरोना और प्रदूषण मध्यनज़र अतिआवश्यक बैठक बुलाई।

 

दिल्ली के मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक

बता दें कि ये बैठक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के साथ हुई। ये मीटिंग North Block में गृह मंत्री के ऑफिस में शाम 5 बजे हुई।

 

1206 लोगों पर FIR

बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए एनजीटी के आदेश पर दिल्ली सरकार की ओर से पटाखा बेचने और छोड़ने पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद दीपावली की रात दिल्ली के लोगों ने जमकर पटाखे छोड़े। पुलिस से बचने के लिए गलियों की सड़कों व कॉलोनियों के पार्को में पटाखा न छोड़ अधिकतर लोग अपने-अपने घर की छतों पर पटाखे छोड़े, जिससे पुलिस को कार्रवाई करने में परेशानी आई। रात के समय पुलिस ने लोगों के घरों के अंदर घुसना उचित नहीं समझा। पुलिस, गश्त करने के दौरान पटाखा छुड़ाते पाए जाने वाले लोगों व पीसीआर कॉल के आधार पर जमकर कार्रवाई की। सभी 15 जिले में 1206 लोगों के खिलाफ पुलिस ने एफआइआर दर्ज की। इनमें 850 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनके पास से 1314. 42 किलो पटाखे जब्त किए गए।

 

डीसीपी नई दिल्ली जिला व पुलिस प्रवक्ता ईश सिंघल के मुताबिक दिल्ली में एनजीटी के आदेश पर दिल्ली सरकार की ओर से सात नवंबर को पटाखा बेचने व छोड़ने पर प्रतिबंध लगाने के बाद से दिल्ली पुलिस सरकारी आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ लगातार सख्त कार्रवाई कर रही है। दिल्ली पुलिस के लाइसेंसिंग विभाग ने भी सात नवंबर को ही दिल्ली में दिए गए सभी थोक व फुटकर व्यापारियों के लाइसेंस को आगामी 30 नवंबर तक के लिए निलंबित कर दिया था।

 

पटाखा बेचने व छोड़ने वालों के खिलाफ सख्ती से निबटने के लिए सभी जिले के डीसीपी को निर्देश दिए गए थे। हर जिले में फ्लाइंग स्क्वॉयड भी बना दिया गया था। दीपावाली पर पटाखा न छोड़ने के लिए दिल्ली पुलिस ने स्कूलों में जाकर बच्चों को जागरूक किया था। साथ ही आरडब्ल्यूए व मार्केट एसोसिएशन के पदाधिकारियों व धर्म गुरुओं के जरिए लोगों को जागरूक करने की कोशिश की थी। तमाम कोशिश के बावजूद लोग हरकतों से बाज नहीं आए। दीपावली की रात पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने सभी जिला पुलिस को अलर्ट रहने के निर्देश दिए थे। जिससे सभी थाना पुलिस दिन से ही इलाके में पटाखा बेचने व छोड़ने वालों पर नजर रखनी शुरू कर दी थी। सभी पीसीआर को भी अलर्ट कर दिया गया था। देर रात तक पुलिसकर्मी गश्त करते रहे। दीपावाली की रात पूरी दिल्ली से पीसीआर को 2500 से अधिक कॉल मिली जो शोर मचने, पटाखा छोड़ने, प्रदूषण फैलाने से संबंधित थी।

 

दरअसल दिल्ली पुलिस ने दिल्ली में 262 व्यापारियों को ग्रीन पटाखा बेचने के लिए दशहरा के अगले दिन अस्थायी लाइसेंस दे दिए थे। जिससे शुरू में ही बड़ी संख्या में लोगों ने पटाखे खरीद लिए थे। एनजीटी के आदेश पर सात नवंबर को सरकार ने पटाखे की बिक्री और छोड़ने पर प्रतिबंध लगाया।

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