चांदनी चौक में हनुमान मंदिर को हटाए जाने के बाद अब 100 साल से भी ज्यादा पुराने पीपल के पेड़ को भी बृहस्पतिवार देर रात प्रशासन ने कटवा दिया। रात में कटे पेड़ को वहां से हटा भी दिया गया। प्रशासन की इस कार्रवाई से वहां रहने वाले स्थानीय लोगों में भारी रोष है। स्थानीय लोगों के मुताबिक इस पेड़ को उसी स्थान पर रहना था। चांदनी चौक पुनर्विकास पर योजना को लेकर अधिकारियों ने आश्वस्त किया था कि चांदनी चौक में मौजूद किसी भी पेड़ को काटा नहीं जाएगा। बल्कि इस मुगलकालीन शहर को और हरा-भरा किया जाएगा। उसमें भी यह पीपल का पेड़ था जिससे लोगों की धार्मिक भावनाएं जुड़ी हुई थी।

 

यह पेड़ उसी जगह से हटाया गया। जिस जगह पर पहले हनुमान मंदिर था। पिछले रविवार को प्रशासन ने भारी फोर्स की मौजूदगी मंदिर को अतिक्रमण बताते हुए तुड़वा दिया था। अब उस मंदिर से सटे पेड़ को भी रातो रात हटा दिया गया। प्रशासन से जुड़े लोगों के मुताबिक यह पेड़ फतेहपुरी मस्जिद से लाल किला तक के मुख्य मार्ग के बीच आ रहा था। इससे चल रहे विकास कार्य में बाधा आ रहीं थी। इसलिए हटाया गया।

स्थानीय लोगों में रोष

वहीं स्थानीय निवासी प्रवीण कश्यप ने पेड़ काटे जाने पर गहरा रोष प्रकट करते हुए कहा कि आज एक बार फिर हिन्दुओं की आस्था को ठेस पहुंचाए गया है, क्योंकि हिन्दुओं में पीपल के पेड़ को पूजनीय माना जाता है। वहीं, इस पेड़ को ना काटे जाने को लेकर स्थानीय लोगों ने कोर्ट से स्टे लिया हुआ था। इसके बावजूद भी इस पर कार्यवाई की गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि कोर्ट से स्टे के बावजूद पेड़ काटा गया। बता दें कि अभी हाल में ही  एतिहासिक हनुमान मंदिर को हटाया गया था। जिसे फिर से बनवाने की मांग चल रही है। भाजपा-आम आदमी पार्टी और कांग्रेस एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रही हैं। वही विश्व हिंदू परिषद ने इसको लेकर प्रदर्शन किया था।

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