दिल्ली की तीसरी रिंग रोड के निर्माण की आर्थिक अड़चन दूर हो गई है। 7700 करोड़ रुपये की अनुमानित परियोजना लागत में से दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) को 3600 करोड़ रुपये की अंतर निधि राशि देगा। इस राशि को चरणबद्ध तरीके से जारी किया जाएगा। 1,787 करोड़ रुपये शहरी विकास कोष से जबकि बाकी डीडीए द्वारा दिए जाएंगे। इस आशय के प्रस्ताव पर मंगलवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में हुई डीडीए बोर्ड की बैठक में स्वीकृति दे दी गई।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई इस बैठक में डीडीए ने सतत विकास उन्मुख बजट प्रस्तुत किया। वर्ष 2022-23 के वार्षिक बजट को 7,933 करोड़ रुपये के वार्षिक व्यय के साथ मंजूरी दी गई और 7,943 करोड़ रुपये की आय का अनुमान लगाया गया। बैठक में डीडीए उपाध्यक्ष मनीष कुमार गुप्ता, सदस्य विजेंद्र गुप्ता, ओपी शर्मा और सोमनाथ भारती सहित अन्य आला अधिकारी भी उपस्थित रहे।
अब तीसरी रिंग रोड परियोजना पर काम भी तेज होने की उम्मीद है। 2021-22 के दौरान इस निमित्त 900 करोड़ रुपये जारी किए गए। बजट अनुमान 2021-22 में 100 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है और 725 करोड़ रुपये की राशि बजट अनुमान 2022-23 के लिए रखी गई है। डीडीए ने राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में शहरी विस्तार सड़क-2 (यूईआर) के निर्माण के लिए एनएचएआइ के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
यह हैं सड़क का ब्लूप्रिंट.
यह सड़क द्वारका, रोहिणी, नरेला के उप शहरों और दिल्ली के बाकी हिस्सों एवं पड़ोसी राज्यों के साथ प्रस्तावित लैंड पूलिंग क्षेत्रों की कनेक्टिविटी को भी बढ़ाएगी। प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गो को जोड़ने से दिल्ली की सड़कों पर यातायात का दबाव काफी कम हो जाएगा और वायु गुणवत्ता में भी सुधार होगा। बजट अनुमान 2022-23 में नरेला, द्वारका और रोहिणी उपनगरों में सड़क, सीवरेज, जलापूर्ति, बिजली लाइन और जल निकासी सहित भूमि और भौतिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए भी 2,922 करोड़ रुपये के कुल आवंटन का प्रविधान किया गया है। इसकी कुल लम्बाई 54 KM की हैं.
द्वारका सेक्टर-आठ में सीवेज वाटर ड्रेन के निर्माण के लिए बजट अनुमान 2022-23 में 47.49 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है ताकि एयरपोर्ट से पानी की निकासी की जा सके।