देश की राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली में बढ़ते हुए वायु प्रदुषण की वजह से सांस लेना दूभर हो रहा है. हवा की क्वालिटी में पहले की तुलना में सुधार हुआ है, लेकिन इसके बाद भी यह खराब श्रेणी में है. इस सब को ध्यान में रखते हुए दिल्‍ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने घोषणा की है कि दिल्ली में पेट्रोल और डीजल वाहनों की एंट्री पर 3 दिसंबर तक पाबंदी रहेगी वहीं 7 नवंबर से इलेक्ट्रिक और सीएनजी (CNG) वाहनों को एंट्री मिलेगी, जो कि आवश्यक सेवाओं में लगे हुए हैं. वहीं, दिल्‍ली कैबिनेट ने प्रदूषण में सुधार को देखते हुए अब 29 नवंबर से फिर से स्कूल खोलने का फैसला किया है.

 

इसके अलावा गोपाल राय ने कहा कि जिन जगहों से दिल्ली सरकार के अधिकतम कर्मचारी आते हैं वहां के लिए बस चलाई जाएंगी. उन्‍होंने कहा कि सरकार अपने कर्मचारियों के लिए दिल्ली सचिवालय से आईटीओ और इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशनों के लिए शटल बस सेवा भी शुरू करेगी. जबकि पिछले तीन दिनों में हवा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है. शहर का एक्यूआई दिवाली से पहले के दिनों जैसा ही है.

इससे पहले दिल्‍ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर की वजह से नए वाहनों की एंट्री बंद कर दी गयी थी. इसके अलावा 13 नवंबर को दिल्‍ली सरकार ने शहर के सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने के साथ निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था. वहीं,अपने कर्मचारियों को वायु प्रदूषण से निपटने और इसके स्वास्थ्य प्रभावों को कम करने के लिए घर से काम करने के लिए कहा था. बता दें कि 17 नवंबर को दिल्ली में गैर-जरूरी सामान ले जाने वाले ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के अलावा प्रतिबंधों को बढ़ा दिया था.

 

निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर फिर से लगा प्रतिबंध

बता दें कि हवा की गुणवत्ता में सुधार और श्रमिकों को होने वाली असुविधा को देखते हुए निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर लगी रोक सोमवार को हटा ली गई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण को देखते हुए निर्माण कार्यों पर फिर से प्रतिबंध लगा दिया है. कोर्ट ने इलेक्ट्रिकल, कारपेंट्री, इंटीरियर वर्क और प्लंबिंग कार्यों पर छूट दी है.

Ban on entry of petrol and diesel vehicles in the capital of the country, buses will be run for government employees

वैसे वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल वाहन और 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों को पहले ही प्रतिबंधित कर दिया है. इसके अलावा वैद्य पीयूसी को भी अब अनिवार्य है. अब बगैर वैद्य पीयूसी के वाहन चलाते पकड़े जाने पर 10,000 रुपये का जुर्माना लग सकता है. यही नहीं, अगर वाहन का पीयूसी नहीं करवाया है तो 3 महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस रद्द हो सकता है.

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