दिल्ली में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 2.3 रही। भूकंप शुक्रवार सुबह 5 बजकर 2 मिनट पर आया। दस दिन में ऐसा दूसरी बार हुआ है जब दिल्ली भूकंप से हिली है।

 

इससे पहले 17 दिसंबर को राजस्थान के अलवर में भूकंप आया था जिसकी तीव्रता 4.2 थी मगर उसके झटके दिल्ली-एनसीआर में भी महसूस किए गए थे। इस महीने की शुरुआत में भी दिल्ली-एनसीआर में भूकंप आया था, जिसका केंद्र गाजियाबाद रहा। 2 दिसंबर को अलसुबह दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे जिनकी तीव्रता 2.7 रही।

जब से लॉकडाउन हुआ है तब से लेकर अब तक दिल्ली में 10 से ज्यादा भूकंप आ चुके हैं और उनका केंद्र भी एनसीआर के आसपास ही रहा है। कुछ समय पहले वैज्ञानिकों ने हिमालय में बड़े भूकंप की आशंका व्यक्त की थी और कहा था कि हिमालय पर्वत श्रृंखला में सिलसिलेवार भूकंपों के साथ बड़ा भूकंप कभी भी आ सकता है। इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर आठ या उससे भी अधिक हो सकती है।

 

वैज्ञानिकों का दावा है कि हिमालय के आसपास घनी आबादी वाले देशों में इससे भारी तबाही मच सकती है और राजधानी दिल्ली भी इसकी जद में होगी। हालांकि ये भूकंप कब आएंगे इसका अनुमान फिलहाल नहीं लगाया गया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि अगले 100 साल में इनके आने की आशंका है।

पहले के शोध में भी हुए ऐसे दावे 
कोलकाता स्थित भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान में पृथ्वी विज्ञान विभाग की प्रोफेसर सुप्रिया मित्रा भी इस शोध को सही मान रही हैं। मित्रा के मुताबिक पहले हुए कुछ शोध भी इस ओर इशारा कर चुके हैं।

हालांकि ऐसा भीषण भूकंप कब आएगा इसके बारे में कोई अनुमान लगाना अभी नामुमकिन है। उन्होंने कहा, पहले हुए अध्ययनों में सैटेलाइट तस्वीरों के आधार पर आकलन किया गया लेकिन इस शोध में सबसे हाल के प्रागैतिहासिक भूकंपों के समय और आकार को भूविज्ञान के आधार पर परिभाषित किया गया है।

 

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