गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को हरियाणा को 6629 करोड़ रुपये की चार परियोजनाओं की सौगात दी. इनमें सबसे बड़ी 5618 करोड़ रुपये की लागत वाली हरियाणा आर्बिटल रेल कारिडोर (एचओआरसी) परियोजना है। जन उत्थान रैली में गृह मंत्री अमित शाह ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की मौजूदगी में इसका शिलान्यास किया। निर्धारित दिसंबर 2025 के तय लक्ष्य यानी अब से तीन साल बाद जब यह परियोजना पूरी हो जाएगी, तब विकास और कनेक्टिविटी के लिहाज से हरियाणा प्रदेश की दिशा बदलने वाली साबित होगी। एचओआरसी से हरियाणा प्रदेश में औद्योगिक विकास को पंख लगेंगे और रेल यातायात सुगम होगा।

 

रूट जानिए.

यह परियोजना पलवल से वाया सोहना, मानेसर, खरखौदा होते हुए सोनीपत, दिल्ली-रेवाड़ी लाइन से पाटली, गढ़ी हरसारू-फरुखनगर लाइन से सुल्तानपुर, दिल्ली-रोहतक लाइन से असौधा और दिल्ली अंबाला लाइन से हरसाना कलां स्टेशन को जोड़ेगी।

 

हरियाणा और रेल मंत्रालय के संयुक्त उपक्रम हरियाणा राज्य औद्योगिक ढांचागत विकास निगम ने यह परियोजना तैयार की और केंद्र सरकार की ओर से भी इसे मंजूरी मिल चुकी है।

 

एचओआरसी को दो हिस्सों में होगी पूरीः

एचओआरसी भाग ए व भाग बी दो हिस्सों में पूरी होगी। भाग ए में पांच नए रेलवे स्टेशन धुलावत, चांदला डूंगरवासपंचगांव, मानेसर और न्यू पातली होंगे। इन स्टेशनों का तीस किलोमीटर का रेल मार्ग होगा और पातली व सुल्तानपुर में रेलवे नेटवर्क के लिए 11.4 किलोमीटर कनेक्टिविटी लाइनें शामिल हैं। यह मार्ग मानसेर से मारुति संयंत्र और फर्रुखनगर में आलकार्गों के लिए कनेक्टिविटी भी प्रदान करेगा।

 

भाग ए का यह कार्य मई 2024 तक पूरा किया जाना है।

 

भाग बी में 9.4 किलोमीटर सुरंग बनाने के लिए साथ 96 किलोमीटर का रेल मार्ग, 12 नए रेलवे स्टेशन, असौदा और न्यू हरसाना कलां में रेलवे नेटवर्क के लिए 6.28 किलोमीटर कनेक्टिविटी लाइनें और न्यू पृथला में डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर नेटवर्क से कनेक्टिविटी शामिल है।

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