prime minister museum: भारत के अब तक के सभी प्रधानमंत्रियों की यादों को संजोने वाला संग्रहालय बनकर तैयार हो चुका है। अगले सप्ताह गुरुवार को प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन होगा। संग्रहालय में सभी प्रधानमंत्रियों के बारे में ना केवल विस्तार से बताया गया है बल्कि उनके कार्य भी प्रदर्शित किए गए हैं। संग्रहालय के जरिए युवा पीढ़ी सभी प्रधानमंत्रियों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेगी। यह संग्रहालय पुराने और नए का एक सहज मिश्रण है। इसमें तत्कालीन नेहरू संग्रहालय भवन शामिल है, जिसे ब्लॉक ढ्ढ के रूप में नामित किया गया है। इसमें अत्याधुनिक तकनीक की मदद से पंडित जवाहरलाल नेहरू की जिंदगी पर आधारित प्रदर्शनी देखी जा सकती है।

 

पहले पीएम के उपहार को संग्रहालय में किया जाएगा प्रदर्शित

प्रथम प्रधानमंत्री को विभिन्न देशों से कई उपहार प्राप्त हुए थे, जिन्हें अब तक प्रदर्शित नहीं किया गया था। संग्रहालय में इन्हें देखा जा सकेगा। भारत के स्वतंत्रता संग्राम से शुरू होकर संविधान के निर्माण आदि के बारे में बताया जाएगा। कैसे पूर्व प्रधानमंत्रियों ने विभिन्न चुनौतियों के बावजूद देश की सर्वांगीण प्रगति सुनिश्चित की।

 

संग्राहलय भवन का डिजाइन उभरते भारत की कहानी

संग्रहालय भवन का डिजाइन उभरते भारत की कहानी से प्रेरित है, जिसे इसके नेताओं के हाथों आकार दिया और ढाला गया है। डिजाइन में टिकाऊ और ऊर्जा संरक्षण प्रथाओं को शामिल किया गया है। संग्रहालय निर्माण के दौरान किसी भी पेड़ को काटा या प्रत्यारोपित नहीं किया गया है।

 

पूर्व पीएम के परिवारों से भी किया गया संपर्क

इमारत का कुल क्षेत्रफल 10,491 वर्ग मीटर है। पूर्व प्रधानमंत्रियों के बारे में बहुमूल्य जानकारी के लिए उनके परिवारों से भी संपर्क किया गया। संग्रहालय में महत्वपूर्ण पत्राचार, कुछ व्यक्तिगत वस्तुओं, उपहार और यादगार वस्तुएं, सम्मान, पदक, स्मारक टिकट, सिक्के आदि भी प्रदर्शित किए गए हैं। दूरदर्शन, फिल्म डिवीजन, संसद टीवी, रक्षा मंत्रालय, मीडिया हाउस (भारतीय और विदेशी), प्रिंट मीडिया, विदेशी समाचार एजेंसियों, विदेश मंत्रालय आदि संस्थानों के माध्यम से जानकारी एकत्र की गई।

 

इस तरह बनाया आकर्षक

युवाओं के लिए सूचना को रोचक तरीके से प्रस्तुत करने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी-आधारित इंटरफेस का प्रयोग किया गया है। प्रदर्शनी में होलोग्राम, वर्चुअल रियलिटी, मल्टी-टच, मल्टी-मीडिया, इंटरेक्टिव कियोस्क, कम्प्यूटरीकृत काइनेटिक मूर्तियां, स्मार्टफोन एप्लिकेशन, इंटरेक्टिव स्क्रीन, अनुभवात्मक इंस्टॉलेशन आदि का भी इस्तेमाल किया गया है।

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