देश के कई इलाकों में कोरोना वायरस के संक्रमण के इलाज में जीवन रक्षक मानी जा रही रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी रुकने का नाम नहीं ले रही। अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों को कई गुना ज्यादा कीमत पर बाहर से रेमडेसिविर का इंजेक्शन लाने को कहा जा रहा है। इससे चलते ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) ने रेमेडिसवियर की कालाबाजारी की किसी भी शिकायत पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा जो लोग लोगों का शोषण कर रहे हैं और दवा की कृत्रिम कमी पैदा कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

ऐसे होती थी ठगी

लोगों को शहर के ही एक क्लीनिक से रेमडेसिविर का इंजेक्शन लाने को कहा जा रहा था । अस्पताल के कर्मी बाकायदा पर्ची पर क्लीनिक का पता लिखकर दे रहा था । परिजनों का कहना है कि इंजेक्शन की कीमत 900 रुपये है, लेकिन उनसे इसके लिए 2 हजार रुपये मांगे जा रहे थे ।

रेमेडिसविर की कमी पर DGCI ने कही यह बात

रेमेडिसविर की कमी इसलिए हुई क्योंकि इसका उत्पादन कम हो गया था इससे पहले फरवरी के माहिने में COVID19 के मामले कम हो रहे थे। हमारे ड्रग कंट्रोलर और मंत्रालय ने हितधारकों के साथ बैठक की और निर्माताओं को उत्पादन को मजबूत करने के लिए निर्देश दिया गया है।

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