यातायात का भारी दबाव झेल रही दिल्ली में यातायात व्यवस्था को अधिक से अधिक सुगम बनाने के लिए बड़े स्तर पर बदलाव किया गया हैं। ट्रैफिक के हिसाब से अब तक दिल्ली में 12 जिले थे। कभी पांच तो कभी छह डीसीपी उक्त 12 जिलों का कामकाज देखते थे। अब कानून व्यवस्था के हिसाब से संचालित सभी 15 जिलों में यातायात पुलिस के भी 15 डीसीपी की तैनाती की गई है।

 

यातायात के डीसीपी के बैठने के लिए अभी सभी 15 जिलों में जगह निर्धारित नहीं हो सका है। जल्द ही उनके बैठने के लिए स्थाई तौर पर व्यवस्था कर दी जाएगी। पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने इसको लेकर शुक्रवार को आदेश जारी किया है। इसके अलावा ट्रैफिक के चार रेंज को बढाकर अब कानून व्यवस्था के हिसाब से छह रेंज बना दिया गया है। उक्त रेंज में पहले एडिशनल पुलिस कमिश्नर व डीसीपी दोनाें स्तर के अधिकारियों की तैनाती कर दी जाती थी लेकिन अब सभी रेंज में केवल एडिशनल पुलिस कमिश्नर की तैनाती रहेगी।

1975 में शुरू हुई थी दिल्ली की ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को वर्ष 1975 में शुरू किया गया था। उस समय एक डीसीपी, चार एसीपी और 16 ट्रैफिक सर्कल होते थे। अभी के समय में ट्रैफिक पुलिस में एक विशेष आयुक्त, दो संयुक्त आयुक्त, चार अतिरिक्त आयुक्त, छह डीसीपी,12 एसीपी और 53 सर्कल हैं। नए आदेश के तहत ट्रैफिक पुलिस में अब पहले की तरह दो संयुक्त आयुक्त ही रहेंगे उनका कार्यक्षेत्र विशेष आुयक्त जोन के बराबर का होगा।

 

इसके साथ ही सर्किल की संख्या भी बढ़ाकर 67 कर दिया गया है। इस निर्णय से अब स्थानीय पुलिस और ट्रैफिक पुलिस के बीच बेहतर तालमेल बन पाएगा। पहले कई ट्रैफिक सर्किल ऐसे थे जिसमें पांच से छह थाने का क्षेत्र आता था। अब प्रत्येक ट्रैफिक सर्किल का क्षेत्र सब डिवीजन एसीपी के क्षेत्र जितना ही होगा। इससे ट्रैफिक पुलिस और लोकल पुलिस बेहतर तालमेल के साथ काम कर सकेगी। राेज रोज लगने वाले जाम से लोगों को मुक्ति मिल सकेगा।

 

 

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