नए साल के जश्न को लेकर लोगों ने तैयारी शुरू कर दी है।

इस बार पार्टी में अगर मानक से ज्यादा तेज म्यूजिक बजा तो दस हजार रुपये तक जुर्माना भरना पड़ सकता है। ध्वनि प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए यातायात पुलिस ने कमर कस ली है। ध्वनि प्रदूषण करने वालों पर डेसीबल मीटर के सहारे पहली बार जुर्माना लगाया जाएगा। डीसीपी ट्रैफिक गणोश शाहा ने बताया कि डेसीबल मीटर को आपरेट करने के लिए शुक्रवार को यातायात पुलिसकर्मियों को सेक्टर-14ए स्थित यातायात कार्यालय में प्रशिक्षित किया गया है। ऐसे दो मीटर अलग-अलग यातायात निरीक्षक को दिए गए हैं। सूचना मिलने पर क्षेत्र में तैनात पुलिसकर्मी तुरंत मौके पर पहुंचकर कार्रवाई करेंगे।

 

 

यह है शोर की सीमा :

रिहायशी इलाकों में दिन में 55 डेसीबल तक शोर की अनुमति है, जबकि रात में 45 डेसीबल तक शोर की अनुमति है। व्यावसायिक क्षेत्रों में ध्वनि सीमा दिन में 65 डेसीबल और रात में 55 डेसीबल है। संवेदनशील क्षेत्रों में शोर का स्तर दिन के दौरान 50 डेसीबल और रात में 40 डेसीबल से ज्यादा नहीं होना चाहिए। अगर ध्वनि का स्तर इससे ज्यादा होगा तो विभाग की ओर से कार्रवाई की जाएगी। नए साल की पूर्व संध्या पर पार्टियों के आयोजन और तेज संगीत बजाने वाले लोगों पर नजर रखने के लिए दो टीमें बनाई गई हैं।

 

 

प्रदूषण फैलाने वाले 248 वाहन सीज

ओमिक्रोन के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार की ओर से नाइट कफ्यरू की घोषणा की गई है। रात 11 बजे से सुबह पांच बजे तक समारोह आयोजन की अनुमति नहीं है। साथ ही शहर में 31 जनवरी तक निषेधाज्ञा प्रभावी है। डेसीबल मीटर का इस्तेमाल वाहनों के माध्यम से ध्वनि प्रदूषण करने वालों के लिए भी किया जाएगा। इस साल नवंबर तक अवैध रूप से हूटर, सायरन व मोडिफाइड साइलेंसर लगे 2,889 वाहनों का ई-चालान, जबकि ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले 248 वाहनों को सीज भी किया गया है।

कुछ तो अभी भी कर रहा हूँ आप लोगो के लिये ख़ैर आप email पर लिख भेजिए मुझे [email protected] पर

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