गुरुग्राम में मुंबई के जुहू की तर्ज पर हेली हब बनेगा। इससे हेलीकाप्टर न सिर्फ उड़ान भर सकेंगे, बल्कि इसमें हेलीकाप्टर पार्किंग से लेकर मरम्मत व ईंधन भरवाने की सुविधा भी होगी। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इसकी मंजूरी दे दी है। इस हेली हब से गुरुग्राम शहर और शहर के बाहर दूसरे राज्यों के लिए भी हेलीकाप्टर अपनी क्षमता के अनुसार उड़ान भर सकेंगे। देश भर में पांच हेली हब बनाए जाने हैं। इनमें मुंबई के जुहू पर 20 से 25 हेलीकाप्टर एक साथ संचालित की क्षमता वाला हेली हब बनेगा तो गुरुग्राम में इसकी क्षमता 30 से 35 होगी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस बाबत विस्तृत जानकारी देते हुए बताया नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से उनकी मुलाकात के दौरान मंत्रालय की तरफ से हेली हब के लिए जमीन देने का प्रस्ताव दिया गया। सीएम के अनुसार राज्य सरकार गुरुग्राम की प्रस्तावित ग्लोबल सिटी में हेली हब बनाने के लिए जगह उपलब्ध कराएगी। गुरुग्राम के इस हेली हब का सबसे ज्यादा फायदा उन विमानन कंपनियों सहित निजी हेलीकाप्टर संचालन करने वाले लोगों को होगा जो पार्किंग उपलब्ध नहीं होने से नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अपना हेलीकाप्टर खड़ा नहीं कर पाती थीं। कई बार दिल्ली एयरपोर्ट पर हवाई जहाज की ज्यादा संख्या के चलते हेलीकाप्टर को लैंडिंग के लिए अनुमति नहीं मिलती है तो उन्हें जयपुर हवाई अड्डे पर उतारा जाता है। दिल्ली के नजदीक गुरुग्राम हेली हब बनने से अब इस समस्या का समाधान हो जाएगा।
फिलहाल हेली हब में हेलीकाप्टर के उड़ान भरने से लेकर लैंडिंग, पार्किंग, मरम्मत, ईंधन भरने की सुविधा मिलेगी। यदि निजी विमामन कंपनियां यहां से आम यात्रियों के लिए हेलीकाप्टर सेवा भी शुरू करना चाहेंगे तो इसकी अनुमति भी दी जाएगी। गुरुग्राम के हेली हब का यह फायदा भी होगा कि यहां से उड़ान भरने पर हेलीकाप्टर के ईंधन पर लगने वाले वैट में छूट मिलेगी। हरियाणा सरकार 21 फीसद की बजाय महज एक फीसद वैट ही लेगी। इससे राज्य के हवाई अड्डे, हवाई पट्टी सहित हेली हब से उड़ान भरने वाली कंपनियों में आकर्षण पैदा होगा।
नारनौल में खुले एविएशन यूनिवर्सिटी
हरियाणा में पिंजौर, करनाल, भिवानी और नारनौल में हवाई पट्टी हैं तथा हिसार में हवाई अड्डा है। राज्य सरकार ने भिवानी और नारनौल में पायलट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के लिए भी नागरिक उड्डयन मंत्रालय को अपना प्रस्ताव दिया है। इसके अलावा सरकार चाहती है कि 58 एकड़ में फैली नारनौल हवाई पट्टी के साथ ही नागरिक उड्डयन मंत्रालय की तरफ से एक विश्वविद्यालय का निर्माण कराया जाए। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि अगले दो साल में 2023 तक हिसार एयरपोर्ट पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा।